مودی جی اسکولیں کھولو
اس بارے میں کچھ تو بولو
بازاروں میں بھیڑ جمی ہے
شادی کی محفل بھی سجی ہے
دھوم الیکشن کی جاری ہے
خوف کسی پر کب طاری ہے
کھیل کھلاڑی کھیل رہے ہیں
بند کو بس ہم جھیل رہے ہیں
مانتے ہیں یہ وبا بری ہے
لیکن اب یہ ساتھ لگی ہے
اس کے سنگ اب جینا ہوگا
کڑوا گھونٹ بھی پینا ہوگا
اس کی تو بس ایک دوا ہے
مالیگاؤں میں جو روا ہے
اس کو زیادہ بڑھنے نادو
جیسے ہی ہو اس کی دوا لو
سب نے ڈرنا چھوڑ دیا ہے
خبریں پڑھنا چھوڑ دیا ہے
اس سے لڑنا سیکھ لیا ہے
آگے بڑھنا سیکھ لیا ہے
ہم سب کی درخواست یہی ہے
آپ سے دل کی بات کہی ہے
کیوں بند ہیں اسکولیں بولو
مودی جی اسکولیں کھولو
(شکیل حنیف ۔ مالیگاؤں)
*मोदीजी स्कूलें खोलो*
मोदीजी स्कूलें खोलो
इस बारे में कुछ तो बोलो
बाज़ारों में भीड़ जमी है
शादी की महफिल भी सजी है
धूम इलेक्शन की जारी है
खौफ किसी पर कब तारी है
खेल खिलाडी खेल रहे हैँ
बंद को बस हम झेल रहे हैँ
मानते हैँ ये वबा बुरी है
लेकिन अब ये साथ लगी है
इस के संग अब जीना होगा
कडुवा घोंट भी पीना होगा
इस की तो बस एक दवा है
मेलगांव में जो रवा है
इस को ज़्यादा बढ़ने ना दो
जैसे हि हो इस की दवा लो
सब ने डरना छोड़ दिया है
ख़बरें पढ़ना छोड़ दिया है
इस से लड़ना सीख लिया है
आगे बढ़ना सीख लिया है
हम सब की दरख्वास्त यही है
आप से दिल की बात कही है
क्यों बंद हैँ स्कूलें बोलो
मोदीजी स्कूलें खोलो
(शकील हनीफ, मेलगांव)